रहते हैं इन्ही दरीचों* में हम भी
जो तुम देखते हो, वही देखते हैं
जो तुम देखते हो, वही देखते हैं
ये गुमनाम सडकें, ये बेनाम चेहरे
क्या तुम देखते हो, जो ये देखते हैं
कहने को तो है, सिर्फ बुतपरस्ती** ये
क्या तुम देखते हो, क्या हम देखते हैं
छोड़े कारीगर ने, निशाँ ऐसे गहरे
जहाँ देखते हैं, उसे देखते हैं
ये कहना गलत है उनकी आँखें नहीं हैं
जो वो देखते हैं, न हम देखते हैं
कहीं हैं ग़ज़ल, खूब तुमने भी ग़ालिब
जो हम देखते हैं, हमीं देखते हैं
खिली उनके चेहरे पर मुस्कान ऐसे
ज्यों गंगा के तट पर, दीये देखते हैं
दरीचे – windows; बुतपरस्ती – idol worship
year’s first verse dedicated to the love of my life. can’t promise that i’ll be able to translate this, but try i’ll sure. love you all. and yes, may the new year be full of beauty and bliss 🙂
36 Responses to "एक नज़्म उनके नाम"