कैसी लिखी तक़दीर मौला
पानी पे खिंची लकीर मौला
पानी पे खिंची लकीर मौला
हँसते-हँसते भूल गया वो
अश्कों की तासीर मौला
मुझ में, तुझ में, सब में वो है
गाता गया फ़कीर मौला
जितना बाँटू, बढ़ता जाये
दिल तो बड़ा अमीर मौला
26 बरस की सीधी गुड़िया
आँखें बड़ी शरीर मौला
अबके बरस वो मिल जाये मुझको
कर कुछ ये तदबीर मौला