कब होता है

जो हम चाहें कब होता है
सब पा जायें, कब होता है
चलते चलते बीतें उम्रें
दर आ जाये, कब होता है
पोथे-पत्री कर्म-काण्ड में
रब मिल जाये, कब होता है
जीवन हो चाहे कितना लम्बा
मौत न आये, कब होता है
दौलत-डिग्री-ओहदे देखें
दिल दिख जाये, कब होता है
खुद को भूलूँ, है आसाँ लेकिन
तू याद न आये, कब होता है
अच्छा हो या बुरा हो लम्हा
बीत न जाये, कब होता है
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